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अकबर बीरबल के किस्से - भाग 39

पेड़ पर फंसा हुआ आदमी और मुल्ला नसीरुद्दीन


एक दिन एक व्यक्ति एक पेड़ पर चढ़ गया लेकिन थोड़ी देर बाद उसने जाना कि नीचे उतरना उतना आसान नहीं है और खुद को फंसा हुआ पाया जितना कि ऊपर चढ़ना था तो वह व्यक्ति घबरा गया उसने काफी कोशिश की लेकिन फिर भी वो कुछ अधिक नहीं कर पाया । अब उसके पास केवल एक ही रास्ता था कि वो पेड़ से कूद जाये लेकिन पेड़ काफी ऊंचा था इसलिए उसे चोट लगने का भी भय था । इसलिए उसने आस पास के राहगीरों से मदद मांगी लेकिन किसी को नहीं सूझा कि क्या किया जाये ??

लोगो की भीड़ इक्कठा हो गयी तभी भीड़ में से मुल्ला आगे निकल कर आया और सबसे बोला घबराओ नहीं मेरे पास एक युक्ति है जिस से ये नीचे आ सकता है और उसने एक रस्सी उस आदमी की तरफ फेंकी और बोला कि ऐसा करो इस रस्सी को अपने कमर में बांध लो फिर मैं बताऊंगा कि आगे क्या करना है । इस पर लोग बोले ये कौनसी युक्ति है तो मुल्ला ने कहा कम से कम मुझ पर भरोसा तो रखो तो लोग चुप हो गये । थोड़ी देर बाद जब वो आदमी रस्सी अपनी कमर के बांध चुका तो मुल्ला ने रस्सी का दूसरा छोर खींच कर उसे नीचे गिरा दिया और उस आदमी को बहुत चोटें आई इस पर लोगो ने मुल्ला पर गुस्सा किया और चिल्लाते हुए बोले मूर्ख ये क्या किया है तूने ?

मुल्ला बड़ी सहजता से बोला कि मैंने पहले भी एक आदमी की इसी विधि से जान बचायी है लोगो ने पूछा क्या तुम सच कह रहे हो इस पर मुल्ला सिर खुजलाते हुए बोला हाँ मैंने ये पहले भी किया है लेकिन मैं इस बात के लिए उलझन में हूँ कि मैंने उसे कुँए में से बचाया था ये पेड़ पर से ?

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